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दुर्लभ संवेदी श्रवण हानि (Rare sensorineural hearing loss) क्या है जो अलका को प्रभावित करती है? दुर्लभ संवेदी श्रवण हानि क्या है जिससे अलका याग्निक (Alka Yagnik) जूझ रही हैं? चलिए इस बीमारी के कारण और लक्षण जानें.
Updated : Jun 19, 2024, 07:38 AM IST
बॉलीवुड गायिका अलका याग्निक ने खुलासा किया है कि उन्हें सुनने में दिक्कत हो रही है. सिंगर ने इंस्टाग्राम पर एक नोट शेयर कर अपने न सुन पाने और उसके इलाज के बारे में बताया है. अलका का कहना है कि कुछ सप्ताह पहले विमान में यात्रा के बाद अचानक उनकी सुनने की शक्ति कम होने लगी. अलका का कहना है कि इसका निदान एक दुर्लभ संवेदी तंत्रिका तंत्रिका स्थिति (Rare sensory nerve condition) के रूप में किया गया था और इसका कारण एक वायरल संक्रमण था.
क्या है ये बीमारी और क्या हैं इसके संकेत
यह एक ऐसी स्थिति है जो आंतरिक कान या कान को मस्तिष्क से जोड़ने वाली तंत्रिका को नुकसान पहुंचाती है. लक्षणों में दूसरे व्यक्ति को स्पष्ट रूप से बात करते हुए न सुन पाना, फोन पर बात करते समय समझ में न आना और स्पष्ट रूप से बात करते समय भी बड़बड़ाने जैसी आवाज आना शामिल है. हेड फोन का उपयोग कम करने से बीमारी को रोकने में मदद मिल सकती है. इसी तरह आपको तेज आवाज वाली जगहों पर अपने कानों की सुरक्षा के उपाय भी करने चाहिए.
हैडफोन का यूज करने वाले हो जाएं सतर्क
विमान से उतरते समय अलका को अचानक ऐसा महसूस हुआ जैसे वह कुछ सुन नहीं पा रही है. तब इसकी पुष्टि हुई कि यह संवेदी तंत्रिका तंत्रिका श्रवण हानि थी. अलका का यह भी कहना है कि वे उन युवाओं को चेतावनी दे रहे हैं जिन्हें तेज़ संगीत सुनने और हेडफ़ोन का उपयोग करने की आदत है.
हैडफोन के यूज से फंगल इंफेक्शन का खतरा
ओएसएफ हेल्थकेयर में फैमिली मेडिसिन प्रोवाइडर, एमडी, हेले राल्फ ने कहा , "बैक्टीरिया और फंगस नम, गर्म क्षेत्रों, जैसे कान की नली में पनपते हैं, और यहीं पर ईयरबड कभी-कभी नमी और तरल पदार्थ को फंसा लेते हैं . जब ऐसा होता है, तो आपको कान के संक्रमण का खतरा होता है.
हेडफोन का अधिक उपयोग करते हैं तो क्या होगा?
लंबे समय तक हेडफ़ोन का उपयोग करने से टिनिटस, कान में दर्द और सुनने में कमी और चक्कर आना जैसे लक्षण हो सकते हैं. लंबे समय तक ध्वनि पर अत्यधिक ध्यान देने के कारण, कान में रक्त परिसंचरण गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है, और कान में थकान और यहां तक कि सुनने में कमी होने का खतरा होता है.
सभी ब्लूटूथ डिवाइस EMF तकनीक का उपयोग करते है. ब्लूटूथ डिवाइस वायरलेस होते हैं, इसलिए वे रेडियोफ्रीक्वेंसी (RF) विकिरण का भी उपयोग करते हैं. उस प्रकार का विकिरण विद्युत चुम्बकीय विकिरण (EMR) के अंतर्गत आता है, जो विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों का उपयोग करके तरंगों में यात्रा करता है
पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय में बायोइंजीनियरिंग के एमेरिटस प्रोफेसर केन फोस्टर, पीएचडी ने हेल्थ को बताया कि, ध्यान देने वाली बात यह है कि ब्लूटूथ डिवाइस सेल फोन की तुलना में थोड़ा कम विकिरण उत्सर्जित करते हैं .
लेकिन अगर आप संगीत या पॉडकास्ट सुनने के लिए दिन में कई घंटों तक वायरलेस ब्लूटूथ हेडफ़ोन का इस्तेमाल करते हैं, तो यह एक्सपोज़र बढ़ सकता है. अगर आप अपना फ़ोन कान के पास रखेंगे, तो आपको उससे कम एक्सपोज़र मिलेगा. ब्लूटूथ से निकलने वाली रेज कैंसर, हियरिंग लॉस, मेंटल हेल्थ तक को तेजी से डिस्टर्ब करती हैं
कितना यूज करें हैडफोन और कैसे बचें इन खतरों से
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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