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Akash Anand Profile: मायावती इस वक्त राजनीतिक करियर के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही हैं. इस कठिन दौर में उन्होंने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित कर सबको चौंका दिया है.
Updated : Dec 10, 2023, 01:54 PM IST
डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. लंबे समय से इसके कयास लगाए जा रहे थे और लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आखिरकार बीएसपी सुप्रीमो ने इस पर मुहर भी लगा दी है. बीएसपी की बैठक में अचानक ही यह ऐलान करके उन्होंने सबको चौंका दिया. इस घोषणा के बाद संगठन में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी हो सकती है तो दूसरी ओर पार्टी में युवाओं को बड़ा पद देने का अनुमान भी जताया जा रहा है. पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. वह 2019 लोकसभा चुनाव के वक्त भी पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं.
बसपा प्रदेश पदाधिकारियों और जिले के नेताओं की विशेष बैठक रविवार को आमंत्रित की गई थी. माना जा रहा था कि 5 राज्यों के चुनाव नतीजों पर चर्चा और पार्टी के प्रदर्शन पर विचार-विमर्श किया जाएगा. हालांकि, मायावती ने पार्टी की कमान आकाश के संभालने का ऐलान करके सबको हैरान कर दिया है. दिलचस्प बात यह भी है कि राजनीति में अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में भी उन्होंने भाई आनंद कुमार को तरजीह नहीं दी थी लेकिन अब भतीजे को अपना उत्तराधिकारी बनाया है.
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कौन है आकाश आनंद जिसे मिली BSP की कमान
आकाश आनंद की बात करें तो वह युवा हैं और पिछले कई सालों से लगातार बीएसपी प्रमुख के साथ चुनावी कार्यक्रमों और पार्टी की गतिविधियों में सहयोग कर रहे हैं. आकाश ने लंदन से एमबीए भी किया है. हालांकि, अब तक इसका फैसला नहीं हो सका है कि 2014 लोकसभा चुनाव में क्या वह खुद चुनावी राजनीति में उतरेंगे. माना जा रहा है कि वह पार्टी को नए सिरे से संवारने के लिए अहम फैसले ले सकते हैं और खास तौर पर युवाओं को पार्टी की विचारधारा से जोड़ने की कोशिश करेंगे.
राजनीति में अब तक कमाल नहीं कर पाए हैं आकाश आनंद
मायावती ने साल 2017 में आकाश आनंद को लॉन्च किया था लेकिन तब से अब तक पार्टी के प्रदर्शन में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिला है. 2019 लोकसभा चुनाव में बीएसपी और एसपी गठबंधन ने साथ में चुनाव लड़ा था और पार्टी 10 सीट जीतने में कामयाब रही थी. हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी सिर्फ एक सीट जीतने में कामयाब रही है. दूसरे राज्यों में भी पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है जबकि खुद मायावती ने ऐलान किया है कि वह अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. उत्तराधिकारी घोषित करने के ऐलान से ठीक एक दिन पहले सांसद दानिश अली को निष्कासित किया गया है और इसमें भी आकाश की बड़ी भूमिका मानी जा रही है.
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