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Kanchanjunga Express Accident: मालगाड़ी ने तोड़ा था सिग्नल, भीषण एक्सीडेंट में भी कम मौत का है ये कारण, पढ़ें 8 पॉइंट्स में ताजा अपडेट

Kanchanjunga Express Accident: कंचनजंगा एक्सप्रेस नॉर्थ-ईस्ट में सिक्किम-दार्जिलिंग घूमने वालों की पसंदीदा ट्रेन रही है. मालगाड़ी के ट्रेन में टक्कर मारने से 15 लोगों की मौत हुई है, जबकि 60 लोग घायल हुए हैं.

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Kanchanjunga Express Accident: मालगाड़ी ने तोड़ा था सिग्नल, भीष ण एक्सीडेंट में भी कम मौत का है ये कारण, पढ़ें 8 पॉइंट्स में ताजा अपडेट
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Kanchanjunga Express Accident: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में बड़ा ट्रेन हादसा हो गया है. असम के सिलचर इलाके से कोलकाता के करीब सियालदाह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन में एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी है. टक्कर इतनी भीषण है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस के डिब्बे मालगाड़ी के डिब्बों के ऊपर चढ़ गए हैं. कंचनजंगा एक्सप्रेस पटरी से डिरेल हो गई और उसके दो डिब्बे पलट गए हैं. इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 60 लोग घायल हुए हैं. हादसे में मरने वालों या घायल होने वालों की पहचान अभी तक नहीं हुई है. इस हादसे को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन में टक्कर मारी है, वो पहले से ही एक सिग्नल तोड़कर चल रही थी. इसे मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस की टक्कर होने का बड़ा कारण माना जा रहा है. उधर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने इस ट्रेन हादसे को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं. RJD चीफ लालू ने ट्वीट में लिखा,'देश में लगातार रेल हादसे हो रहे हैं. इसके लिए कौन जिम्मेदार है?'

आइए 5 पॉइंट्स में बताते हैं हादसे से जुड़े ताजा अपडेट- 

1. रंगापानी के करीब हुआ है हादसा, हट गया है मलबा
मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के आपस में टकराने का हादसा रंगापानी और निजबाड़ी के बीच हुआ है. ये जगह दार्जिलिंग जिले में  न्यू जलपाईगुड़ी के करीब है. कंचनजंगा एक्सप्रेस को नॉर्थईस्ट आने वाले टूरिस्ट्स के बीच लोकप्रिय है, जिसका इस्तेमाल टूरिस्ट्स दार्जिलिंग और सिक्किम जाने के लिए करते रहते हैं. यह ट्रेन चर्चित चिकननेक कॉरिडोर के करीब से होकर गुजरती है. चिकननेक वह पतली रेखा है, जो नॉर्थईस्ट को देश के बाकी हिस्से से जोड़ती है. ANI के मुताबिक, NDRF टीमों ने कई घंटे की अथक मेहनत से ट्रैक पर बिखरा पड़ा कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी का मलबा हटा दिया है, जिससे यह ट्रैक फिर शुरू हो गया है.


यह भी पढ़ें- Train Accident: बंगाल में बड़ी रेल दुर्घटना, कंचनजंघा एक्सप्रेस और मालगाड़ी में टक्कर, 15 की मौत, 60 घायल 


2. अब तक 15 लोगों की मौत, 60 से ज्यादा घायल

दोनों ट्रेन के बीच इतनी भीषण टक्कर हुई है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस के डिब्बे मालगाड़ी के डिब्बों के ऊपर चढ़ गए हैं. PTI ने रेलवे अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सोमवार सुबह हुए इस भीषण हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. हालांकि CPRO पूर्वी रेलवे ने Zee News से कहा,'हादसे में 8 लोगों की मौत हुई है, जिनमें मालगाड़ी का ड्राइवर और असिस्टेंट ड्राइवर, कंचनजंगा एक्सप्रेस का गार्ड और 5 अज्ञात लोग शामिल हैं. कंचनजंगा एक्सप्रेस के यात्रियों को 12.40 बजे BJP जंक्शन से एक स्पेशल ट्रेन में उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है.'

3. 'सिग्नल तोड़ने से हुआ है हादसा'

रेलवे बोर्ड की चेयरमैन और CEO जया वर्मा सिन्हा ने कहा,'अब तक इस हादसे में 8 लोगों की मौत और 25 घायल होने की जानकारी है. पहली नजर में यह मानवीय भूल का मामला लगता है. पहला संकेत बता रहा है कि यह हादसा सिग्नल तोड़ने के कारण हुआ है. पश्चिम बंगाल में कवच (KAVACH) को लागू करने की जरूरत है.

4. ऑटोमेटिक सिग्नल पर चलता है यह ट्रैक

कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच जिस ट्रैक पर यह हादसा हुआ है, वो ट्रैक पूरी तरह ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम पर काम करता है. इसमें आपस में सटी लाइनें बेहद व्यस्त रहती हैं. इसका मतलब है कि यहां सिग्नल तोड़ने वाली ट्रेन का दूसरी ट्रेन से टकराने के बहुत ज्यादा आसार होते हैं.


यहां देखें ट्रेन हादसे से जुड़ा Video: Kanchanjunga Express के साथ West Bengal में बड़ा हादसा, खड़ी Train से टकराई मालगाड़ी 


5. पुराने डिजाइन के कोच हैं कंचनजंगा एक्सप्रेस में

कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इसमें यात्रियों को चोट लगने के आसार ज्यादा थे. दरअसल इस ट्रेन अब भी पुराने टाइप कोच लगे हुए हैं, जिनमें एक्सीडेंट होने की स्थिति में यात्रियों को नुकसान पहुंचने का ज्यादा चांस रहते हैं. भारतीय रेलवे अपनी ज्यादातर ट्रेन को नए किस्म के LHB कोच के साथ बदल रहा है, लेकिन कंचनजंगा एक्सप्रेस में अभी तक पुराने डिजाइन के कोच चल रहे हैं. ऐसे में हादसे के दौरान इस ट्रेन में बैठे यात्रियों को ज्यादा नुकसान पहुंचने का खतरा रहत है.

6. इस कारण बच गया बड़ा हादसा

मालगाड़ी और यात्री गाड़ी की भीषण टक्कर के बावजूद मरने वालों की कम संख्या का एक खास कारण माना जा रहा है. दरअसल कंचनजंगा एक्सप्रेस में पीछे की तरफ दो पार्सल वैन और एक गार्ड कोच भी मौजूद था. माना जा रहा है कि मालगाड़ी की टक्कर का ज्यादातर इंपेक्ट ये डिब्बे ही झेल ले गई, जिससे ज्यादा बड़ा हादसा होने से बच गया है.

7. बोगियां काटकर निकाले जा रहे घायल, रेल मंत्री भी मौके पर रवाना

घटना की सूचना मिलते ही बंगाल पुलिस, स्थानीय रेलवे अफसर और प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंच गए और राहत व बचाव ऑपरेशन शुरू कर दिया है. बोगियां काटकर उनके अंदर फंसे यात्रियों को निकाला जा रहा है. साथ ही उनके साथ NDRF और SDRF की टीमें भी मौको पर पहुंच गए हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा,'NER जोन में दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ है. युद्धस्तर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेलवे, NDRF और SDRF आपस में करीबी समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं. घायलों को अस्पताल भेजा जा रहा. दिल्ली में भी कामकाज की निगरानी के लिए एक वॉर रूम स्थापित किया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद भी दार्जिलिंग के लिए रवाना हो गए हैं.

8. मरने वालों को 10 लाख और घायलों को 2.5 लाख रुपये मुआवजा

कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में मृतकों और घायलों के लिए केंद्र सरकार ने मुआवजा राशि घोषित कर दी है. अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर लिखा,'हादसे में मरने वालों के परिवारों को मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 50,000 रुपये की धनराशि दी जाएगी.'

भारतीय रेलवे ने इस हादसे से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं. सियालदाह में 033-23508794 और 033-23833326 नंबर पर, जबकि गुवाहाटी में 03612731621, 03612731622 और 03612731623 नंबर पर संपर्क कर जानकारी हासिल की जा सकती है.

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