श्रीलंका के इस बल्लेबाज की तकनीक बहुत मजबूत है लेकिन इसके साथ ही खेल में आक्रमकता है. और यह उन्हें बहुत खतरनाक बनाता है. कुसल मेंडिस 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पल्लिकल में टेस्ट डेब्यू किया. अपने करियर की शुरुआत में ही सेंचुरी लगाकर उन्होंने दिखा दिया कि वह श्रीलंका की क्लास और धमाल बल्लेबाजी की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले खिलाड़ी हैं. वह श्रीलंका के स्कूल क्रिकेट से निकलकर आए हैं. श्रीलंका का स्कूल क्रिकेट बहुत मजबूत है. कई बड़े खिलाड़ी यहीं से निकलकर आए हैं. साल 2013 में उन्हें स्कूलबॉय क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया था. अगले साल वह श्रीलंका की अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम के कप्तान भी रहे. हालांकि टेस्ट में 36 और वनडे में 31 का औसत उनकी प्रतिभा और क्षमता के साथ न्याय नहीं करता. मेंडिस पर श्रीलंका की बड़ी जिम्मेदारी होगी.