Gurpatwant Pannun Case: निखिल गुप्ता पर आरोप हुआ तय, तो क्या  India-America के रिश्तों में आ जाएगी कड़वाहट!

सुमित तिवारी | Updated:Jun 18, 2024, 11:57 AM IST

Nikhil Gupta Extradited to US: भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को अलगावादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Pannun) की हत्या की साजिश के मामले में चेक रिपब्लिक (Czech Republic) अमरिका लाया गया है. फिलहाल अगली सुनावाई तक निखल गुप्ता को हिरासत में रखने का आदेश है.

Gurpatwant Pannun Case: अमेरिका में खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता (Nikhil gupta) को चेक रिपब्लिक (Czech Republic) लाया गया है. निखिल गुप्ता पर आरोप है कि उसने भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ मिलकर खालिस्तानी अलगाववादी नेता Gurpatwant Singh Pannu की हत्या की नाकाम साजिश रची थी. लगभग 52 बर्ष के निखिल गुप्ता पर पिछले साल मुकदमा दर्ज हुआ था. 

मुकदमा दर्ज होने के बाद निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो उसने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से साफ इनकार कर दिया है. अब निखिल गुप्ता पर America में मुकदमा चलेगा. फिलहाल निखिल को 28 जून तक हिरासत में रखने का आदेश जारी किया गया है. 

क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट की माने तो पिछले साल पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी. जिसे America के द्वारा नकाम कर दिया गया था. ये कहना मुश्किल होगा कि इस साजिश को साजिशकर्ता ने ही अंजाम नहीं दिया या फिर फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी (FBI)के हस्तक्षेप से इस साजिश को नाकाम कर दिया गया था. इस मामले में भारतीय नगारिक Nikhil gupta पर साजिश रचने का आरोप लगा था. लेकिन प्लान फेल तब हुआ जब इस काम को करने के का जिम्मा जिसे सौंपा गया वहीं अमेरिकी एजेंसी का ही खुफिया एजेंट निकला.

दरअसल अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि निखिल गुप्ता न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी Gurpatwant Singh Pannu को मारने के लिए एक हत्यारे को 100,000 अमेरिकी डॉलर देने पर सहमत हुए थे. इसमें से 15 हजार डॉलर की एडवांस पेमेंट 9 जून 2023 को कर दी गई थी. लेकिन सुपारी लेने वाला शूटर एजेंट निकला और प्लान फेल हो गया.


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कौन है खालिस्तानी नेता Gurpatwant Singh Pannu
भारतीय नगारिक निखिल गुप्ता पर गुरपतवंत सिंह  की हत्या की साजिश रचने का आरोप है. खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में रहता है. इसके पास America और Canada दोनों देशों की नागरिकता है. भारत की राष्ट्रीय जाँच एजेंसी NIA ने उनका नाम 'आतंकवादियों' की सूची में रखा है. इसने पंजाब यूनिवर्सिर्टी से ही पन्‍नू ने वकालत की पढ़ाई की थी.  साल 1991 पन्नू अमेरिका चला गया था, यहां उसने MBA किया और फिर न्‍यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली. 


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निखिल गप्ता को क्यो लाया गया अमेरिका
इस मामले में आरोपी निखिल गप्ता को अेमेरिका लाया गया है.  30 जून को निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक (Czech Republic) में गिरफ्तार किया गया था.  पन्नू अमेरिका का रहने वाला है. साथ ही अमेरिका की नागरिकता भी है. इसलिए अब निखिल पर मुकदमा अमेरिका में चलेगा. निखिल गुप्ता को सोमवार को यहां एक संघीय अदालत में पेश किया गया.  दक्षिणी न्यूयॉर्क के संघीय अदालत में मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जेम्स कॉट ने 28 जून को होने वाली सुनवाई तक उन्हें हिरासत में रखने का आदेश दिया.

क्या ये मामला बढ़ा रहा भारत की टेंशन
खालिस्तनी नेता पन्नू की कथित तौर पर नाकाम हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोपों को भारत सरकार पहले ही सिरे से खारिज कर चुकी है. सरकार का कहना है कि इस तरह की साजिश में हमारे किसी भी भारतीय एजेंट का शामिल होना महज एक अफवाह है. भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि हत्या की एक असफल साजिश में किसी भारतीय के शामिल होने के आरोपों से भारत-अमेरिका संबंधों की प्रगति पर कोई असर नहीं पड़ा है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि भारत-अमेरिका संबंधों के बुनियादी सिद्धांत बहुत मजबूत हैं और आरोपों का संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है. 

आरोप हुए तय तो किनती होगी सजा
निखिल गुप्ता पर लगे सभाी आरोप अगर सिद्ध हो जाते हैं. तो उन्हें लंबे समय के लिए सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है. फिलहाल तो निखिल गुप्ता ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद और मिथ्या बताया है.  अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने निखिल गुप्ता पर पैसों के लिए हत्या करने और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. इस मामले में कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान है.

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